नौसैनिक अस्पताल - कविता
INHS Kasturi
हमारी कस्तुरी - निराली कस्तुरी ।
प्यारी कस्तुरी - अनोखी कस्तुरी ॥
कस्तूरी का आँचल लहराता गगन में ।
समेटे हुए है वो कोहिनूर का हीरा॥
सभी के विचारों को है वो समझती।
करती नहीं वो भेदभाव कभी भी॥
वीरों के तरह वो बिमारी से लड़ती।
मुरझाये चमन में - बहारें वो लाती॥
अपने नामों के ऊपर खड़ा वो उतरती।
समझती नहीं वो - दिन है या रात॥
हमारी कस्तूरी - निराली कस्तुरी ।
प्यारी कस्तूरी - अनोखी कस्तुरी॥
- मेनका
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